गुगल की ओर से सोमवार को ही दुनिया का पहला ऐसा कापोंरेट एग्रीमेंट साइन किया है, जिसका मकसद मल्टीपल छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर ( SMR ) से पावर इलेक्ट्रिकल खरीदना है। कंपनी इसकी मदद से आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस ( AI ) की इलेक्ट्रिसिटी डिमांड को पूरा करेगा । टेक्नॉलॉजी कंपनी ने यह एग्रीमेंट कैरोस पावर के साथ किया है। कैरोस का पहला स्माल माड्यूलर रिएक्टर साल 2030तक आनलाइन आएगा इसके बाद 2035 तक आगे के माड्यूलर को जोड़ा जाएगा ।
अमेरिका मे तैयार किए जाएंगे ये प्लांट्स :
कंपनियो ने अभी तक इस डील्स की फाइनेशियल डिटेल्स को शेयर नही किया है। इस एग्रीमेंट के तहत ये प्लांट्स अमेरिका मे तैयार किए जाएंगे इनकी मदद से AI सिस्टम के लिए पावर सप्लाई की जाएगी ।
500 मेगावाट्स पावर की डिमांड :
गुगल ने कहा है की उसने टोटल 500 मेगावाट्स पावर की डिमांड के लिए एग्रीमेंट्स किया है यह पावर 7SMR से मिलेगी जो आज के न्यूक्लियर रिएक्टर की तुलना मे काफी छोटे साइज के होंगे । कई टेक्नॉलॉजी फार्म ने हाल ही मे न्यूक्लियर पावर कंपनियो के साथ पार्टनशिप की है, AI सिस्टम के लिए अचानक से ज्यादा पावर डिमांड देखी जा रही है, जिसे पूरा करने के लिए ये पार्टनरशिप की जा रही है।
मार्च महीने मे Amazon.Com ने न्यूक्लियर पावर डेटा सेंटर को Talen Energy से खरीदा था, बीते महीने Microshoft और Constellation Energy के बीच पावर डील हुई है, जिसकी मदद से कंपनी न्यूक्लियर पावर हासिल करना चाहती है।
खुद का AI तैयार कर रही है टेक कंपनिया :
Google, Microsoft और Apple समेत ढेरो सारे कंपनिया Ai को लेकर काम कर रही है। भविष्य की मांग को देखते हुए अधिकतर कंपनिया एक AI सिस्टम तैयार करना चाहती है, जो दूसरी कंपनियो से ज्यादा एडवांस और एक्यूरेट होना चाहिए ।
क्या होते है छोटे माड्यूलर रिएक्टर :
छोटे माड्यूलर रिएक्टर ( SMR ) एक तरह के परमाणु रिएक्टर होते है, ये रिएक्टर, पारपरिक परमाणु ऊर्जा संयत्रों की तुलना के साइज मे छोटे है, इनमे काफी एडवांस सर्विसेस होती है, SMR की बिजली उत्पादन क्षमता 300 मेगावाट तक होती है, इन्हे फैक्टरी आदि मे बनाया जा सकता है और फिर उन्हे दूसरी लोकेशन पर भी ट्रांसफर भी कर सकते है।
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Posted By – Msp